Jaun Elia Poetry | Ajab Ek Shor Sa utha Hai Kahin

Jaun Elia sher | Ajab Ek Shor Sa utha Hai Kahin

दोस्तों अगर आप शेर शायरी पसंद करते है तो अपने जौन एलिया का नाम तो ज़रूर सुना होगा वो एक खुद्दार, जानदार, और बहुत ही इमोशनल शायर थे जिन्हे हमेशा याद किया जायेगा Jaun elia sher shayari !
दोस्तों इसी सिलसिले मे हम आज उनकी ग़जल – अभी एक शोर सा उठा है कहीं – लेकर आये है।
हम आशा करते है आपको ये गजल बहुत पसंद आयेगी। तो चलिए शुरू करते है।

 

अजब इक शोर सा उठा है कही
कोई खामोश हो गया है कहीं

है कुछ ऐसा के जैसे ये सब कुछ
अब से पहले भी हो चुका है कहीं

जो यहाँ से कहीं न जाता था
वो यहाँ से चला गया है कहीं

तुझ को क्या हो गया, के चीजों को
कहीं रखता है, ढूंढता है कहीं

तू मुझे ढूंढ़, मैं तुझे ढुंढू
कोई हम में से रह गया है कहीं

इस कमरे से हो के कोई विदा
इस कमरे में छुप गया है कहीं

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