Part-1 Hamari purani yadein

Hamari purani bachpan ki  yadein hindi me

हाय गाइस कैसे हो आ सब आशा करता हूं कि आप सब बढ़िया हो…आज मैं आपके लिए लेकर आया हूं कुछ बचपन की यादें…अगर आपको पसंद है तो जरूर शेयर करें…..
तो चलिए शुरू करते हैं

  1. प्यारी ऑडियो कैसेट

    तुमसे हमारी कितनी सारी म्यूज़िकल यादें जुड़ी हुई हैं. टेप में खुद उल्टा लगकर सीधे, सच्चे गीत सुनाती थीं तुम!
    नई फिल्म रिलीज़ हुई नहीं कि उसकी कैसेट खरीदने की होड़ लग जाती थी. ड्राइंग रूम की अलमारी या रैक में कैसेट कवर, एक के ऊपर एक जमाकर शान से रखे जाते थे. जिसका गठ्ठा जितना बड़ा, वो उतना ही बड़ा संगीत प्रेमी माना जाता था.
    उस अलमारी के अंदर की दुनिया बड़ी निराली थी. संगीत के बड़े-बड़े उस्ताद, किशोर-रफ़ी जैसे स्वर सम्राट, लता-आशा जैसी स्वर देवियाँ, शानू दा-उदित नारायण जैसे लोकप्रिय गायक, अनूप जलोटा और चंचल जैसे भजन सम्राट, जगजीत और पंकज उधास जैसे ग़ज़ल फनकार, जॉनी लीवर और केके नायकर जैसे हास्य कलाकार, सब मिल-जुलकर रहा करते थे. सच, संगीत में भेद मिटाने की ताकत होती है.
    याद आया, मेरे पास तो फिल्मों के डायलाग की भी कैसेट थी.
    ‘ए’ साइड और ‘बी’ साइड के गाने याद करना, एक साइड पूरी होने पर खटाक से पल्टा लगाना, रील फोड़कर उसमें आवाज़ सुनने की कोशिश करना, रील खिंच जाने पर होल में पेंसिल फँसाकर गोल-गोल घुमाकर उसे ठीक करना, रिकॉर्ड का बटन दबाकर खुद की आवाज़ टेप करना, अपने मनपसंद गानों की कैसेट
    ‘भरवाने’ के लिए लिस्ट बनाना, मनपसंद गाना रिवाइंड कर-कर बार बार सुनना, झंकार बीट्स, नॉन स्टॉप हिट्स…इन छोटी-छोटी खुशियों को हम सभी ने जीया है, ऑडियो कैसेट की खरखराती आवाज़ से अपने बचपन को संगीतमय किया है.
    आज ऑडियो कैसेट नहीं है, न ही उसका साथी टेप रहा है. घरों, रिश्तों और ज़िन्दगी में भी संगीत कम हो गया है.
    क्या इन दोनों बातों में कोई कनेक्शन है…पूछता मेरे मन का रिवाइंड बटन है!
     bachpan yadein

  2. फिल्म रिलीज होने से कुछ दिन पहले आने वाली फिल्मो के पोस्टर लग जाया करते थे

    वो भी एक दौर था…. जब गली के नुक्कड़ ओर चौराहे की खाली पडी दीवारें सिनेमाघरों मे चल रही फिल्मों के पोस्टर्स से भरी रहती थीफिल्म रिलीज होने से कुछ दिन पहले आने वाली फिल्मो के पोस्टर लग जाया करते थे… कौन सी फिल्म आपने वाली है वहां से पता चल जाता था ।…पोस्ट देखने 😎के चक्कर मे कभी-कभी स्कुल पहुचने मे लेट हो जाया करते थे 🙃🤗

    bachpan yadein

  3. आजकल शादियों में वे मजे नहीं रहे जो पहले होते थे।

    आजकल शादियों में वे मजे नहीं रहे जो पहले होते थे। आज कल शादी समारोह सिमट कर एक-दो दिन के रह गए। पहले कई-कई दिनों तक और कम से कम सप्ताह भर तक चलता था। दिन में दो से तीन बार गीत गाए जाते थे। शादी में काम आने वाले अनाज, दालें, मसाले आदि सारे सामान घर पर ही तैयार किए जाते थे। दुल्हन एवं घर की महिलाओं के कपड़ों पर खरे गोटे कनारी का काम महिलाएं मिलजुलकर करती थी। समारोह में आने वाले मेहमानों की, बारातियों की आवभगत घर के लोग स्वयं करते थे। अपने हाथों से एक-एक व्यवस्था को स्वयं करते थे। हर काम की अलग-अलग एक्सपर्ट व्यक्तियों फूफाजी, मौसाजी, जीजाजी आदि को जिम्मेदारी दी जाती थी।

    आज की तरह बड़े गेस्ट हाउस रिसोर्ट नहीं होते थे। अड़ौसियों-पड़ौसियों के घरों में कमरे लेकर मेहमानों को ठहराया जाता था। 1970 से पहले तो बारात तीन-चार दिन तक ठहरती थी, 1980-90 के आसपास एक से दो दिन बारात रुकती और अब बारात शाम को पहुंचती है और चार घंटे बाद (रात को) ही रवाना हो जाती है। आजकल शादी समारोह एक से दो दिन में संपन्न हो जाते हैं।
    यदि लड़की की शादी होती तो बारात से ज्यादा खातिरदारी करने वाले (घर, परिवार, रिश्तेदार एवं गांव के लोग) उपस्थित रहते और वे तब तक भोजन नहीं करते जब तक बारात भोजन ना कर लेती। इसे धर्म समझा जाया था। उस जमाने में घर परिवार रिश्तेदार और अड़ौस-पड़ौस के लोग सवा रुपये से पाँच रुपये तक या श्रद्धा अनुसार नगदी देते थे जिसे हमारे राजस्थान में बान देना बोला जाता था। हर काम में इतनी मदद मिलती थी कि शादी वाले परिवार को पता ही नहीं चलता था। सब अपना काम समझकर करते। आजकल सब पैसे का खेल हो गया। दिल से, आत्मा से भावना से जो बातें होती थी अब पैसे खर्च करके दिखावा होता है। अर्थात पहले दिल से होती थीं अब दिखावे की होती हैं।

    bachpan yadein

  4. हम सब भारतीयों ने अपने जीवन में कम से कम एक बार तो अंताक्षरी ज़रूर खेला होगा

    .टीवी में भी पहले पिकनिक अंताक्षरी आया करता था जो की फिल्म अभिनेता सचिन द्वारा प्रस्तुत किया जाता था ..इसके बाद जी टीवी पर अंताक्षरी स्टार्ट  हुआ … which was super duper hit..surprisingly…it was not celebrity or telent hunt show… Anyways..हमारी अंताक्षरी में हम ही दीवाने ..मस्ताने ..परवाने हैं …. ठ से अटक न जाए सिर्फ दो 3 गाने हैं ..

    ठन्डे ठन्डे पानी से ..ठारे रहियो ..ठा ठा ठा दुनिया दी ठा ठा ठा 😄 म से मेरा altime favourite song..
    मैंने प्यार तुम्ही से किया है मैंने दिल भी तुम्ही को दिया है
    अब चाहे जो हो जाए मैं दुनिया से अब न दारू तुझी से मैं प्यार करू … र से 👉 next to next .. type krte jaaye 😎bachpan yadein
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