खुशियां कम और अरमान बहुत है,
जिसे भी देखो परेशान बहुत है..!!
करीब से देखा तो निकला रेत का घर
मगर दूर से इनकी शान बहुत है..!!
कहते है सच का कोई मुकाबला नही,
मगर आज झूट की पहचान बहुत है..!!
मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यू तो कहने को इंसान बहुत है..!!💞❣
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