देखो लौट के ख़ामोश इतबार आ गया है
फिर दिलाने एहसास मेरे अकेलेपन का, देखो लौट के ख़ामोश इतबार आ गया है। शाम कब रात हो जाती है पता नहीं लगता, दोस्त जब बड़े हो जाते हैं कुछ…
फिर दिलाने एहसास मेरे अकेलेपन का, देखो लौट के ख़ामोश इतबार आ गया है। शाम कब रात हो जाती है पता नहीं लगता, दोस्त जब बड़े हो जाते हैं कुछ…