माँ भी ना कुछ समझती ही नही हैं।
माँ भी ना कुछ समझती ही नही हैं। बचपन मे तुम्हारे रोने भर से तुम्हारी जरूरत जान लेती हैं, तुम्हारे ऑंखों पर से तुम्हारा दर्द पहचान लेती हैं, तुम्हारे चेहरे…
माँ भी ना कुछ समझती ही नही हैं। बचपन मे तुम्हारे रोने भर से तुम्हारी जरूरत जान लेती हैं, तुम्हारे ऑंखों पर से तुम्हारा दर्द पहचान लेती हैं, तुम्हारे चेहरे…
ये वो है जो आपकी हरएक समस्या मे हमेशा आपके साथ अकेले खड़े होंगे। और हाँ आपके हरएक गलती की वो! आपको हमेशा माफ़ी भी जरुर दे देंगे। हाँ माना…