क्या ये गलत बात है
love poem for her मैं अपने दिल में किसी और को जगह दे दूं ये गलत बात है, मैं प्यार भरी नजरो से किसी और को देखू ये गलत बात…
love poem for her मैं अपने दिल में किसी और को जगह दे दूं ये गलत बात है, मैं प्यार भरी नजरो से किसी और को देखू ये गलत बात…
माँ भी ना कुछ समझती ही नही हैं। बचपन मे तुम्हारे रोने भर से तुम्हारी जरूरत जान लेती हैं, तुम्हारे ऑंखों पर से तुम्हारा दर्द पहचान लेती हैं, तुम्हारे चेहरे…
मै हमारी मोहब्बत पर एक किताब लिखूंगा... जहा जहा तुझे लिखूँगा वह वह ख़्वाब लिखूंगा... अपने ख्याल लिखूंगा...हमारी पहली मुलाक़ात लिखूंगा... और तेरे बिना जो कटे दिन...में उन दिनों का…
ये वो है जो आपकी हरएक समस्या मे हमेशा आपके साथ अकेले खड़े होंगे। और हाँ आपके हरएक गलती की वो! आपको हमेशा माफ़ी भी जरुर दे देंगे। हाँ माना…
नींदें मुझे रातों में जब, मेरी ना होकर सताती थी ! उसकी तस्वीरें देखता मैं, वही मुझे सुलाती थी ! करता खुद से मैं उसकी बातें, वो जैसे सुन जाती…
Kya pata kal ho na ho? Aksar hum zindagi me kal ki Etni fiqar karte hain, Ki ye bhul hi jate hain Ki agar khuda ne hamari jholi me "AAJ"…
तुम चाँद बनो, हम रात बनें तुम गीत बनो ,हम साज़ बनें छू न लें क्यूँ, हम उस बादल को तुम पँख बनो, हम परवाज़ बनें ढल जाएं चलो,इक साँचे…