वो एक ख़्वाब जो पूरा न हो सका
नींदें मुझे रातों में जब, मेरी ना होकर सताती थी ! उसकी तस्वीरें देखता मैं, वही मुझे सुलाती थी ! करता खुद से मैं उसकी बातें, वो जैसे सुन जाती…
नींदें मुझे रातों में जब, मेरी ना होकर सताती थी ! उसकी तस्वीरें देखता मैं, वही मुझे सुलाती थी ! करता खुद से मैं उसकी बातें, वो जैसे सुन जाती…
खुशियां कम और अरमान बहुत है, जिसे भी देखो परेशान बहुत है..!! करीब से देखा तो निकला रेत का घर मगर दूर से इनकी शान बहुत है..!! कहते है सच…
Kya pata kal ho na ho? Aksar hum zindagi me kal ki Etni fiqar karte hain, Ki ye bhul hi jate hain Ki agar khuda ne hamari jholi me "AAJ"…
कभी सोचा ना था। कि तुमको बदलते बदलते , हम कुछ इस तरह बदल जाएंगे। इस खूबसूरत दुनिया से मुंह मोड़ कर, हम कही अंधेरे में खो जाएंगे।। तराशेगी निगाहें…